
१५ दिसम्बर एक शुभ दिन है। एक कवि एवं एक कवित्री का मिलन। इस सुगन्धित वातावरण की खुशबू चारो ओर फैले ये मेरी शुभकामना है। सौरभ और अनामिका काफी समय से दूर-दूर से एक-दुसरे को देख राहे थे। कभी कोई एक दिशा मी चला जाता था तो कभी कोई दूसरी दिशा मे। दोनों के मन सुमन हैं। उनमे से सौरभ उठा है, उन्ही मे से अनामिका को एक नाम मिल रहा है। इसे भारतीय संस्कृति मे वैवाहिक सूत्र बन्धन कहा जाता है। मेरा आशीर्वाद है इन दोनों का ये बन्धन जन्म-जन्मांतर तक चलता रहे
-कवि संतोशानंद
1 comment:
Aapka ashirvad ho sir aur khusbu na faile ....!
mahekti rahegi ye jodi..ajivan.
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